आजतक आपने पोस्ट, पेड़ वगैरह सिर्फ फिल्मों के एंडिंग में देखे होंगे, है ना मार्वल डीसी ये लोग तो इस काम को करने में चैंपियन हैं लेकिन हम ठहरे हिन्दुस्तानी हम अंग्रेजों से हमेशा एक कदम आगे निकलने का रास्ता ढूँढ लेते हैं आज एक इंडियन फ़िल्म ने अपने ट्रेलर में पोस्ट क्रेडिट डालकर पूरा गेम ही बदल दिया समझदार को इशारा काफी है नहीं समझे सर्कस का ट्रेलर आ गया है मेरे दोस्त और हैरान करने वाली बात यह है कि जितनी बात खुद उनकी नहीं हो रही है, उससे कहीं ज्यादा ट्रेलर के पोस्ट क्रेडिट की हो रही है हाँ जी, उसमें गोलमाल का रेफरेन्स जो देखने को मिल गया बहुत ये वाला किसी ने एक्सपेक्ट नहीं किया था
अब देखो सर्कस ट्रेलर को पूरा देखने के बाद मुझे ऑनेस्ट्ली आ रही है मिक्स टाइप की वाइफ्स फिफ्टी फिफ्टी वन सकते हो सबसे अच्छी बात तो फ़िल्म की कास्टिंग है सारे फ़ेवरेट ऐक्टरस एक ही फ़िल्म के अंदर मिल जाएंगे कॉमेडी में इतना ज्यादा टैलेंटेड स्टार कास्ट इकट्ठा करना है खुद में एक टैलेंट है दूसरी चीज़ जो मुझे अच्छी लगी वो है रणवीर सिंह को ये इलेक्ट्रिसिटी वाली पावर देकर सूपर हीरो टाइप का कॉन्सेप्ट इस्तेमाल करना देखो ये डबल रोल कॉमेडी कोई नई बात नहीं है सेवन्टी एटीज़ नाइंटी से बॉलीवुड में बहुत सारी ऐसी फ़िल्में बन चुकी है और आगे भी बनेंगी कुछ लोग तो ये भी बोल रहे हैं सर्कस खुद एक क्लासिक कॉमेडी ड्रामा अंगूर की रीमेक है रीमेक ना से ही इन्स्पिरेशन तो बोल ही सकते हो, बट ये सुपर पावर वाला डाला है
रोहित शेट्टी ने ये फ़िल्म की कहानी को थोड़ा अलग बनाएगा तीसरी अच्छी चीज़ मेरे हिसाब से है फ़िल्म के बड़े बड़े एक्स्ट्राऑर्डिनरी कलरफुल साइट्स जो आप एक्सपेक्ट करते हो, सर्कस वाली थीम के साथ ये हट गए तो घंटा मज़ा नहीं आएगा हाँ, लेकिन इसकी वजह से फ़िल्म के बजट पर अच्छा खासा असर जरूर पड़ा होगा टोटल सौ करोड़ के आसपास है आज कल ये नंबर थोड़ा रिस्की माना जाता है बाकी दीपिका पादुकोण की सरप्राइज़ एंट्री तो अलग ही लेवल पे है एक्साइटमेंट जरूर फील होता है प्लस गोलमाल की कहानी से पहले की कहानी बोले तो पीपल का हिंट छोड़ना ये काफी स्मार्ट मूव हैं रोहित शेट्टी का अब देखो गडबड क्या हो सकता है दिल पे हाथ रखके बोलूं कॉमेडी से मुझे ज्यादा फनी वाली वाइफ आ रही है
ट्रेलर को देखकर एकदम सिंपल मामूली सा फील हो रहा है दूसरी चीज़ मा सिनेमा में लोग दिमाग नहीं लगाते ये बात एकदम सही है लेकिन अगर कोई फ़िल्म ज्यादा इधर उधर भागती है ना तो दिमाग में दर्द जरूर हो सकता है जरूरत से ज्यादा ऐक्टर्स को लेना भी डिसएडवांटेज बन सकता है तीसरी गडबड चीज़ तो फ़िल्म के ट्रेलर की लंबाई खुद हैं बॉस ऑलमोस्ट चार मिनट का ट्रेलर कौन डालता है यार इसकी वजह से लोग बोरिंग बोलने लगते हैं फ़िल्म को रिलीज से पहले ही ये चीज़ सूर्यवंशी में भी बहुत खराब लगी थी मुझे ट्रेलर में अजय देवगन, रणवीर सिंह सबकी एंट्री दिखाकर थिएटर में जो फील आना चाहिए था वो पूरा खराब कर दिया था अब लास्ट में एक बात बोलूं तो शायद इस फ़िल्म को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है
रणवीर सिंह की नीचे जाती हुई फैन फॉलोइंग ये थिएटर में क्राउड पुल नहीं कर पा रहे है आजकल जयेशभाई जोरदार या फिर एटी थ्री दोनों में इनका काम खराब नहीं है, लेकिन ऑडियंस के लिए ये कॉन्सेप्ट आउटडेटेड हो गए थे, लेकिन बुरा लगता है मुझे जब कॉमेंट्स में लोग रणवीर सिंह की ऐक्टिंग पर सवाल उठाते हैं, इस हैं ट्रेड को बंद कर दीजिये बस बंदे का टैलेंट नेक्स्ट लेवल का है बस थोड़ा कमजोर हो रहा है, लेकिन ऐक्टिंग का इससे कोई लेना देना नहीं है फालतू नफरत मत फैलाओ अभी देखो रोहित शेट्टी मशहूर है मुश्किल टाइम्स में भी ऑडियंस को घर से बाहर खींचकर थिएटर को हाउसफुल करने के लिए लेकिन सर्कस का ट्रेलर मेरे हिसाब से कुछ ऐसा यूनिक या फिर लार्जर दैन लाइफ टाइप का नहीं है जो लोगों को एक्साइट कर जाए
बस एक हफ्ते पीछे अवतार द वे ऑफ वाटर आने वाली है थिएटर में उस फ़िल्म से पंगा लेना मेरे हिसाब से बहुत बड़ी गलती हो सकती है तो फटाफट बताइए हमारे एक्सपर्ट्स क्या बोलते है रोहित शेट्टी कोई रास्ता ढूँढ निकालेंगे, फिर उनको ऊपर तक पहुंचाने के लिए या फिर इस बार सर्कस की सीडी टूटेगी और फ़िल्म जमीन पर धड़ाम गिर जाएगी बोलो बोलो बाकी वीडियो में कुछ पसंद आया हो या फिर कुछ शिकायत करनी हो तो मैं आपको इंस्टाग्राम पे भी मिल जाउंगी, वरना थोड़ा सा इंतजार करिए मिलूँगी आपसे अगले वीडियो में टेक केयर बाय
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