शुरु करते है रणवीर सिंह की मूवी सर्कस की हिंदी रिव्यु देखो भाई फिल्मों की दुनिया में 1 बात यूनिवर्सल की तरह बोली जाती है मतलब जिस की सच्चाई पर कोई सवाल उठाने की हिम्मत नहीं कर सकता कौन सी बात रोहित शेटी की कोई भी फिल्म कभी फ्लॉप नहीं हो सकती ये बंदा अपनी जिंदगी में कभी कोई घटिया फिल्म नहीं बना सकता अब देखो आज के टाइम में जब खुद इंसान का भरोसा नहीं रहा तो उसकी बातों पर क्या करना | तोड़ दिया न भरोसा Cirkus बचपन में जब ये नाम सुनते थे तो चेहरे पर हँसी ही आ जाती थी लेकिन आज वाला सर्कस देखने के बाद आपकी लाइफ में हंसी गायब हो जाएगी पर्मानेंट और सिर्फ गम बचेगा विद्या बालन के साफ़ साफ़ शब्दों में बोलू तो पिक्चर सिर्फ 3 चीजों से चलती है एंटरटेनमेंट एंटरटेनमेंट एंटरटेनमेंट लेकिन इस सरकस के अन्दर आपको एंटरटेनमेंट बिल्कुल नहीं मिलेगा Then Lets's Start Cirkus Movie Hindi Review.
1 लाइन का रिव्यू यही है 2 जुडवा पेयर है यहाँ पे मतलब राम श्याम नहीं राम राम श्याम श्याम दोनों 1 दुसरे से बिल्कुल अनजान अलग शहरों में अपनी जिंदगी जी रहे हैं और इस कहानी में सुपर हीरो भी है अपना देसी सुपर हीरो जो मार्स पास नहीं पहनता पूरे शहर में सबसे फेमस इलेक्ट्रिक मैन कमाल की बात जानते हैं क्या इलेक्ट्रिक मैन को तो बिजली का झटका नहीं लगता एकदम जीरो टेंशन लेकिन दुसरे शहर में एकदम दूर बैठा उसको जोरदार बिजली के ट्रांसफार्म जैसे झटका मारने लगता है मतलब इंसान अलग अलग शरीर अलग अलग लेकिन करेंट 1 ही वक्त पर लगता किसी है और महसूस किसी और का होता है क्या चल क्या रहा है यहाँ पे बोलूं गलती बॉलीवुड की है ही नहीं वो लोग मानेंगे भी नहीं ऑडियंस पागल है जो अब अच्छा सिनेमा देखने लगी है वरना पहले इस फिल्म आराम से 200 सौ करोड़ छाप देती थी और हम तालियां भी बजाते थे लेकिन इस बार तालियाँ नहीं गालियां देने का मन कर रहा है |
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क्या चाहिए आपको कॉमेडी फिल्म का उससे दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है उल्टा डायलॉग इतना ज्यादा पका टाइप के है जो कान का तो पता नही लेकिन सिर में दर्द जरुर करेंगे गोलमाल की दिमाग में लेकर आओगे न तो गुरु बहुत पछताओगे ये तो उसका जीरो प्वाइंट वन परसेंट भी नहीं है साफ़ साफ़ बोल रही हूँ मैं नो मसाला चलो रणवीर सिंह के फैन हो तो बिल्कुल ही मत जाना ऐसा लग रहा है वो रणवीर सिंह बनने की एक्टिंग कर रहे हैं क्या वेस्ट मारा है टैलेंट को उनका लीड रोल होने के बावजूद 1 भी सीन ऐसा नहीं है जिसमे मजा आएगा इससे ज्यादा वीक स्क्रीन प्रेजेंस किसी हीरो का मैंने आज तक नहीं देखा तीसरा रीजन शायद आपका सम देखने का हो सकता है रोहित शेटी वो मास सिनेमा बनाते है जिसको पूरी फैमिली के साथ थिएटर में एंजॉय करना चाहिए ना ना फैमिली को ये फिल्म दिखाने की गलती गलती से भी मत कर देना बहुत पछताओगे उनका टाइम बहुत कीमती है और ज्यादा मेम्बर मतलब ज्यादा पैसे की बर्बादी आप सोच रहे हो न थिएटर और सर्कल्स टू इन वन दोनों मजा 1 टिकट में मिल जाएगा बहुत बड़ी गलत फैमी है दोस्त सबसे बड़ा धोका सर्कस के कलर सिर्फ पोस्टर पर है फिल्म के अन्दर घंटा कुछ नहीं मिलने वाला सिर्फ उसके नाम में सर्कस लिख के आपको चुना मारा गया है |
सिर्फ 1 चीज अच्छी है फिल्म में वो है बोले तो अच्छे अच्छे एक्टर छोटे छोटे कैमियो के साथ हाजिर हैं फिल्म में लेकिन आप चौक जाओगे यह सुनकर की शायद इससे घटिया इस्तेमाल आज तक इंडिया में किसी भी फिल्म में नहीं हुआ होगा 20 कमियों से 2 सही से कर लेते मजा तो आता तारीफ में बोलने के लिए मेरे पास कुछ भी नहीं है लिट्रली जितना कम बोलूं उतना बढ़िया है ऐसी फिल्मों की वजह से नाम बड़े दर्शन छोटे हाँ बस संजय मिश्रा सर के सीन थोड़े फनी लगे मुझे उन्होंने तो पूरी कोशिश की है पब्लिक को हँसाने की लेकिन पूजा और जैकलीन फर्नांडिस की ऑस्कर विनिंग एक्टिंग में संजय सर के अच्छे काम को भी बदनाम कर दिया
पहला तो कटेगा एकदम बकवास कहानी दूसरा रनवीर सिंह जो गायब है और पूजा प्लस जैकलीन की खतरनाक ओवर एक्टिंग तीसरा कॉमेडी जो सैडल ऑडियंस के लिए क्रेजी में बदल गयी चौथा इतने सारे कैमियो लेकिन 1 का भी सही से इस्तेमाल न करना और आधा नाम का तो मजा आ जाता एडवाइस देती हूँ गोविंदा साहब की कोई भी फिल्म उठा कर देख लेना जिसके टाइटल में नंबर 1 आता हो ज्यादा सैटिस्फैक्स मिलेगा गैरंटी नहीं तो पैसा आपका मर्जी है |
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