श्री दुर्गा एवं श्री श्याम मंदिर में निशान यात्रा और कीर्तन का भव्य आयोजन सुखीपूर्वक संपन्न हुआ

श्री दुर्गा एवं श्री श्याम मंदिर 


लक्ष्मी नरेश की निशान यात्रा एवं कीर्तन 2025




लक्ष्मी नगर दिल्ली में आचार्य पंडित दिनेश शर्मा जी कीओर से श्री दुर्गा एवं श्री श्याम मंदिर में निशान यात्रा और कीर्तन का भव्य आयोजन सुखीपूर्वक संपन्न हुआ


भारत की पावन धरा पर जब श्रद्धा और भक्ति अपने चरम पर होती है, तब कुछ अलौकिक घटनाएं घटती हैं। बाबा श्याम का कीर्तन और निशान यात्रा भी ऐसी ही एक अनूठी आध्यात्मिक यात्रा रही, जिसने हजारों श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति की लौ प्रज्वलित कर दी।




08 मार्च को  निशान यात्रा का शुभारंभ हुआ। हाथों में बाबा श्याम के पवित्र निशान लिए भक्तजन सड़कों पर उतर पड़े। हर गली, हर चौक भक्ति रस से सराबोर हो उठा। नंगे पांव चलते हुए श्रद्धालु बाबा के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित कर रहे थे। यह यात्रा सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि भक्तों की आस्था की प्रतीक थी। बाबा श्याम के नाम के जयकारों से वातावरण मंत्रमुग्ध हो गया।


इस पावन यात्रा में कई  श्रद्धालु शामिल हुए। कोई दूर-दराज़ से आया था, तो कोई इस  वर्ष के आगमन से ही इस क्षण की प्रतीक्षा कर रहा था। भक्तों ने जल सेवा और विभिन्न सेवाओं के माध्यम से अपनी भक्ति प्रकट की। बाबा श्याम के मंदिर में पहुंचते ही भक्तों ने अपने निशान अर्पित किए और उनकी कृपा के लिए प्रार्थना की। यह क्षण हर किसी के लिए अविस्मरणीय था। उसके तुरंत बाद आयोजित प्रसाद वितरण हुआ और साथ ही भोजन की भी वयवस्था थी जिसे पाकर भक्त गण बहुत हर्षित हुए | 




 उसके अगले दिन 09 मार्च को बाबा का भव्य कीर्तन का आयोजन रखा गया था जिसमे विशेष अतिथि के रूप में जय शंकर चौधरी जी और सोना माधव जी ने भी बाबा के कीर्तन कर आयोजन को भक्ति विशेष का रूप दे दिया | साथ ही कुछ और दिग्गजो ने भी जुड़कर बाबा के कीर्तन में 4 चाँद लगा दिया जैसे हमारे राजू भैया , दिपक लक्खा ,अमित कुमार , प्राची शर्मा , रिंकू अग्रवाल इन सभी ने अपना खुद योगदान दिया | 


शाम होते ही मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भर गया। हर कोई बाबा श्याम के भजनों की रसधारा में डूबने के लिए आतुर था। जैसे ही कीर्तन प्रारंभ हुआ, पूरा वातावरण "खाटू नरेश की जय!" के जयकारों से गूंज उठा।




भक्तों की आंखों में आस्था के आंसू छलक रहे थे। ढोल-नगाड़ों की धुन, झूमते-गाते श्रद्धालु और बाबा श्याम के भजन, हर किसी को अध्यात्म की अनूठी अनुभूति करा रहे थे।


अलौकिक अनुभव: भक्तों की जुबानी

यात्रा में शामिल कई भक्तों ने अपने अनुभव साझा किए:

🙏 "बाबा की महिमा अपरंपार है। यहां आकर मन को असीम शांति मिली।"

🙏 "हर साल इस यात्रा में आता हूं, यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मा का परमात्मा से मिलन है।"


इस भव्य आयोजन में जात-पात, ऊंच-नीच का कोई भेदभाव नहीं था। हर कोई बाबा श्याम के रंग में रंगा हुआ था। बाबा की भक्ति ने सभी को एक सूत्र में बांध दिया। निशान यात्रा और कीर्तन के पश्चात प्रसाद वितरण हुआ। हर किसी ने बाबा श्याम का आशीर्वाद प्राप्त किया और मन में संतोष की अनुभूति लिए घर लौटे।




निष्कर्ष

बाबा श्याम का कीर्तन और निशान यात्रा एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव था। इसने भक्तों को भक्ति की शक्ति का अहसास कराया और उनकी आस्था को और अधिक मजबूत किया। बाबा श्याम की कृपा सदा बनी रहे!


जब बाबा श्याम का कीर्तन और निशान यात्रा संपन्न हुई, तो भक्तों के हृदय भक्ति और आनंद से भर उठे। हर कोई इस दिव्य अनुभव को अपने भीतर संजोकर रखना चाहता था। यह यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं थी, बल्कि श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का महासंगम थी।






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